हाँ मैं हूँ साधारण स्त्री परमात्मा पर विश्वास करती श्रद्धा भाव से हाँ मैं हूँ साधारण स्त्री परमात्मा पर विश्वास करती श्रद्धा भाव से
जब आऊँ मैं घर के द्वार तुम्हें दे सकूँ खुशियाँ अपार।। जब आऊँ मैं घर के द्वार तुम्हें दे सकूँ खुशियाँ अपार।।
उसकी मर्जी ही सर्वश्रेष्ठ है जिसको परमात्मा बोलते है उसकी मर्जी ही सर्वश्रेष्ठ है जिसको परमात्मा बोलते है
न जाने कब इसे होगी दोबारा बंदगी। न जाने कब इसे होगी दोबारा बंदगी।
हजारों चांद चमके रुखसार पर तेरे रोशन सारा जहां ! हजारों चांद चमके रुखसार पर तेरे रोशन सारा जहां !
दया दृष्टि तुझ पर रखें सदा परमात्मा जगदीश मनीष। दया दृष्टि तुझ पर रखें सदा परमात्मा जगदीश मनीष।